बाबा नीम करौली जी को हनुमान जी का साक्षात अवतार माना जाता है। बाबा जी का जन्म लगभग उन्नीसवीं सदी के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था। इनका नाम श्री लक्ष्मी नारायण शर्मा रखा गया था। माना जाता है कि लगभग 17 वर्ष की आयु में उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी। नीम करौली बाबा हनुमान जी के बड़े भक्त थे। उन्होंने अपने जीवनकाल में हनुमान जी के लगभग 108 मंदिर बनवाए थे।
टेढ़ी बाजार मंदिर जो उनके जीवन के अंतिम दशक में बना था उसका निर्माण सन् 1964 में हुआ था। देश-विदेश से लोग उनके दर्शन करने एवं उनका आशीर्वाद लेने हिंदुस्तान आते थे। बाबा ने अपने शरीर को 11 सितंबर सन् 1973 में छोड़ दिया था, लेकिन उनकी उपस्थिति और आशीर्वाद का अनुभव भक्तों को आज भी होता है।
देश के प्रत्येक भाग से भक्त उनके आश्रमों और मंदिरों में आते हैं। बाबा का संदेश प्रेम, सेवा और करुणा का है।
बाबा के बारे में और जानकारियां:
- स्टीव जॉब्स, एप्पल के संस्थापक ने भी बाबा के विचारों से प्रेरणा ली।
- फेसबुक के मालिक मार्क जुकरबर्ग, और हॉलीवुड अभिनेत्री जूलिया रॉबर्ट्स सहित कई विश्व प्रसिद्ध व्यक्तियों ने बाबा की शिक्षाओं का पालन किया।
बाबा जी का उद्देश्य था सभी के जीवन में शांति, प्रेम और सेवा को बढ़ावा देना। बाबा के आशीर्वाद से सब पर भगवान राम की कृपा बनी रहती है।